हताशा की हालत में भी गांधी घटनाओं से निरपेक्ष लेकिन जीवनमूल्यों की अपनी प्रतिबद्धता से सापेक्ष रहकर कालजयी नायकों जैसा बर्ताव करते हैं।
गांधी क्लास को थर्ड क्लास का समानार्थी कहता हिकरत भरा एक अज्ञानी जुमला गांधी पर चस्पा कर दिया जाता है।
गांधी का रचनात्मक कार्यक्रम देश के कोई काम नहीं आया। उनका ब्रह्मचर्य देश में बलात्कार से हार रहा है। उनकी अहिंसा नक्सलवाद और पुलिसिया बर्बरता से पिटकर भी जीवित रहना चाहती है।
गांधी पाठशाला में गांधी से मुठभेड़
सुभाष बाबू ने अपनी एक सैन्य टुकड़ी का नाम गांधी के नाम पर भी रखा। हालांकि सुभाष बोस के त्रिपुरी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद शायद गांधी के इशारे पर कार्यसमिति ने सहयोग नहीं किया।
गांधी और कांग्रेस के रिश्ते को समझना आसान नहीं है। गांधी का लिखा कहा एक तरह से, बल्कि सभी तरह से, एक पिता का संतान पीढ़ी के लिए लिखा संदेश या वसीयत है।
गांधी जिस तरह का भारत चाहते थे उससे लीग, संघ, वामपक्ष, मूल निवासी राजनीति आदि को खत्म हो जाने या अप्रासंगिक हो जाने का खतरा था। इसलिए ये लोग उनका विरोध करते थे और अंततः संघी लोगों ने उनकी हत्या ही कर दी। इस तथ्य के बावजूद कि हिन्दू धर्म को उन्होंने जिस त
राष्ट्रपति महात्मा गांधी की आज जयंती है। देश भर में महात्मा गांधी की जयंती को लेकर अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। गांधीजी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके संघर्षों, आदर्शों और विचारों को याद किया जा रहा है। झारखंड में भी विभिन्न राजनीतिक दलो
प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर मोरहाबादी स्थित बापू वाटिका में 1001 द्वीप प्रज्वलित किया गया। राज्य के वित्त सह खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्
झारखंड में रोजगार को लेकर एक और आंदोलन की तैयारी हो रही है। नाराज बेरोजगार और युवा अनुबंधकर्मियों ने सरकार के विरोध में 1 दिवसीय उपवास सह सत्याग्रह का फैसला किया है। गौरतलब है कि बेरोजगार युवा झारखंड यूथ एसोसिएशन के बैनर महात्मा गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर
गांधी आश्रम मेमोरियल एंड प्रेसिंट डेवलॅपमेंट प्रोजेक्ट के विरोध में 130 गांधीवादियों ने सरकार को लिखा पत्र
अचानक एक नई धुन दिमाग में आ गयी और बापू ने उसे गाना शुरू कर दिया